Monday, July 13, 2015

कुछ देर से बरसा बादल भी मेरे आँगन में
मेरी किस्मत की तरह कुदरत भी करती मुझसे मजाक है। ……………… भावना
तेरी  कुछ यादें ही हैं मेरे दिल - ओ - दिमाग में
और लोग कहते  है की मैं सोचती बहुत हुँ। ………… भावना

zindgi mei ab or koi chahat nahi ...... ae bewafa mujhe teri ab chahat nahi