Tuesday, October 6, 2015

तरस गए हम तुमसे दो पल की गुफ्त-गु के लिए 
और लोग कहते हैं की तुम बोलते बहुत हो।. . . . .  भावना 

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zindgi mei ab or koi chahat nahi ...... ae bewafa mujhe teri ab chahat nahi