मेरे होने से कब किसको कुछ मिला है
पर इतना है यकीन मेरी कमी का हिस्सा सबको कुछ खला है
लूटा तो है मेरा जहां लेकिन
चमन -ऐ सुकून भी कहाँ किसी को मिला है…………भावना
zindgi mei ab or koi chahat nahi ...... ae bewafa mujhe teri ab chahat nahi
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