bhawna
Monday, August 24, 2015
तेरे आँचल तले सर रखकर माँ जाने कब नींद आ जाती थी
अब नरम बिस्तर पर भी माँ सिर्फ करवटे ही बदलती हुँ पर नींद नहीं आती। ..........भावना
Wednesday, August 19, 2015
इक तेरे सिवा हर शक्स ने समझा मेरा दर्द
और इक तूने मेरे लिखे को पढ़ा भी नही................भावना
Tuesday, August 18, 2015
मुझे गम नही जो भुला दिया उसने हमें
हम थे कभी उनके इतना ही काफी है। .......... भावना
वो भूल भी जाये मुझे ताज्जुब नहीं
मुझे मालूम है वो मेरा प्यार था और मैं उनका शौक …… भावना
Monday, August 10, 2015
वो बात दिल से नहीं दिमाग से किया करते थे
जिनके लिए हम अक्सर घरवालो से लड़ लिया करते थे
ये जान ही नहीं पाये के उनके ज़ेहन में फरेब था
जिसके हर झूठ को भी हम सच मान लिया करते थे …………… भावना
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Comments (Atom)
zindgi mei ab or koi chahat nahi ...... ae bewafa mujhe teri ab chahat nahi
(no title)
तरस गए हम तुमसे दो पल की गुफ्त-गु के लिए और लोग कहते हैं की तुम बोलते बहुत हो।. . . . . भावना
अधूरे है
अधूरे है हम तेरे बिना ये बात अब खुदसे भी छिपायँगे तरसोगे हमसे मिलने के लिए हम तुझसे दूर अब इतने चले जायेंगे
mumkin na ho
Ab is or laut aana shyd mumkin na ho Chupa kar ashk muskurana shyd mumkin na ho Mile ham tum fir juda bhi ho gayei Par umra bhar bhula pana ...