Wednesday, August 19, 2015

इक तेरे सिवा हर शक्स ने समझा मेरा दर्द 
और इक तूने मेरे लिखे को पढ़ा भी नही................भावना

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zindgi mei ab or koi chahat nahi ...... ae bewafa mujhe teri ab chahat nahi